एक सुबह खुशनुमा सी सामने है झील से लहराती
हवाओं का वोह मंद मंद चलना
पक्षियों का उन्मुक्त चेह्कना
रोम रोम को आछादित कर देता है
जीवन में मनो नयी आशाओं का संचार कर देता है
हर दिन की नयी शुरुवात है ये सुबह
मानव में कर्म का आगाज़ है ये सुबह
पल पल में इंसान को जगती है ये सुबह
हमारी ज़िन्दगी का नियमित आधार है ये सुबह
हर दिन आने वाली ये सुबह
मुझे कुछ सिखाती है
मेरा आने वाला हर दिन आचा हो
ये आभाष कराती है
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